खानायण: एक विज्ञान गल्प ( लघु नाटिका)


यह आगे आने वाले समय की बात है. पर अभी कुछ ही क्षणों में आपके सामने टेलीकास्ट होगी. जिस समय की घटना है उस समय अयोध्या नगरी में चमचमाती मेट्रो दौड़ने लगी थी. सारे शहर में विशालकाय मॉल और शॉपींग काम्प्लेक्स बन गए थे जिसकी चमकती दीवारों में अजीबोग़रीब फ्लाईओवरों पर दौड़ती गाड़ियों की लम्बी लम्बी परछाइयाँ फिसलती रहतीं. शहर के प्रधान CEO दशरथ को बड़ी भाग दौड़ के बाद संतान प्राप्ति हुई थी और स्कूल की शिक्षा पूरी कर जब उनके बड़े बेटे राम पिता की MNC संभालने लायक हुआ उसी समय मंदी का कुचक्र शुरू हो गया. बाध्य होकर राम को १४ वर्षों के लिए फील्ड ट्रिप पर जाकर मार्केट को समझने का आदेश दशरथ को देना पड़ा. बाज़ार ने उनकी जान बचाई थी अब बाज़ार को बचाने की ज़िम्मेदारी दशरथ पे थी. राम अपने पार्टनर सीता और कज़िन ब्रदर लक्ष्मण के साथ फील्ड ट्रिप के लिए जब जाने लगे तो शहर के सम्मानित उद्योगपतियों को रोना आ गया. सबसे ज्यादा दुखी मैक डोनाल्ड और के.एफ.सी जैसे आउटलेट थे क्योंकि राम, लक्ष्मण और सीता न केवल पिज़्ज़ा, बर्गर जैसी चीजों के सबसे बड़े शौकीन थे बल्कि उनके ब्रांड एम्बेसडर भी थे. राम, सीता और लक्ष्मण भी इन प्यारी प्यारी चीजों से बिछुड़ने के ग़म में रुआंसे हो कर शहर से निकल रहे थे. दर्शकों से अनुरोध है कि इस घटना को महान एपिक रामायण से जोड़ के कतई न देखें. व्यक्तियों के नामों को छोड़ कर इस नाटक का पवित्र रामायण से कोई लेना देना नहीं है. पात्रों का भी किसी जीवित या मृत या आगे पैदा होने वाले किसी वास्तविक व्यक्ति, वस्तु या घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है. 
(ड्रम की आवाज़ के साथ राम, सीता और लक्ष्मण रुआंसे मुंह धीरे धीरे चल रहे हैं. रास्ते के किनारे दोनों तरफ लोग खड़े हो उन्हें भारी मन से विदाई दे रहे हैं.)

राम: हे सीते, हे लक्ष्मण देखो वहां जंगल में सब कष्ट तो मैं सह लूँगा पर हाय! ऑनलाइन बर्गर! कैसे, कैसे, कैसे हो पायेगा...हाय
लक्ष्मण: हे ब्रो! मेरा भी तो यही हाल है. पिज़्ज़ा से लटकते चीज़ का मज़ा वहां कहाँ? न मॉल, न मल्टीप्लेक्स. कैसे काटेंगे हम अपने दिन? ओह ब्रो! पर आई विल बी ऑलवेज विथ यू.
(इतने में एक दौड़ता हुआ आया और राम के चरणों पर गिर पड़ा. राम ने उसे उठाया और गले से लगा लिया. उसके पीठ पर कार्डबोर्ड है जिसपे लिखा है पिज़्ज़ा हट. दोनों हाथ जोड़ कर वह राम लक्ष्मण और सीता से कहने लगा)
पिज़्ज़ा हट: हे प्रभु! आपके जाने से मार्केट बहुत खराब होगा. न जाने कैसे हमारे दिन कटेंगे.
मैक डोनाल्ड: आप में कोई एक भी जाता तो बिसनेस डूबने के लिए काफी था. बच्चे आपको कितना चाहते हैं. जिस मटन बर्गर के ऐड पर आप तीनों की तस्वीर बर्गर खाते हुए है सारे बच्चे आकर वही आर्डर करते थे. अब हमें वह ऐड बंद करना होगा. हाय हम तो लुट गए.

(राम, लक्ष्मण और सीता अपने अपने मोबाइल के ऐप देखते और दुखी होते.)

राम (पहले मोबाइल देखता है फिर आसमान की तरफ देख कर): हाय स्विग्गी तुम्हारा मैं क्या करूँगा?
सीता: ओह्ह एन व्हाट आई विल डू विथ फूड पांडा...
लक्ष्मण: यस भाभी..देयर विल बी नो पेटीएम, नो नेट बैंकिंग, नो कैश बैक...लाइफ विल बी सो बोरिंग. (इतना कहते कहते तीनों के साथ रास्ते पर खड़े अन्य लोग मंच से निकल जाते हैं. दूसरी तरफ सीता आकर मंच के केंद्र में बैठी अपने मोबाइल को बार बार देखती और खीज कर हाथ झटकती. थोड़ी दूर पर राम खड़े खड़े मोबाइल हवा में इधर उधर लहरा रहा है. वह नेटवर्क पकड़ाने की कोशिश में है.)
लक्ष्मण: हे ब्रो! अंकल का जिओ डिजिटल भी फेल है! उफ़ क्या किया जाए.

(मंच के पीछे से मोटरबाइक गुजरने कीई आवाज़ आती है. तीनों चौंक कर उस तरफ देखते हैं जिधर से आवाज़ आई. सीता उत्साह में लगभग चीखते हुए कहती है.)

सीता: हनी जल्दी आओ! देखो मैंने उधर से एक बर्गर किंग के डिलीवरी बॉय को गुज़रते देखा है. आह उसके पास कैसे गरमा गरम पिज़्ज़ा होंगे. राम तुम जाओ न जंगल में थोड़ा इधर उधर कोई न कोई नेटवर्क ज़रूर आएगा. और नेटवर्क मिलते ही बढ़िया पिज़्ज़ा और चोकलेट पेस्ट्री आर्डर कर देना. कितने दिन हो गए इन खानों की सूरत भी नहीं देखी.

(राम स्वीकृती में सर हिलाते हुए उस दिशा में बढ़ गया जिधर से आवाज़ आई थी.)

राम (जाते-जाते): लक्ष्मण सीता का केयर करना. जंगल में जंगली जानवरों का डर है. जब तक मैं न लौटूं सीता को अकेले मत छोड़ना. (इतना कहते कहते राम मंच के पीछे निकल जाता है.)
लक्ष्मण और सीता परेशान इधर-उधर घूम रहे हैं.
सीता: इतना देर क्यूँ लग रहा है. राम के साथ कुछ बुरा तो नहीं हो गया. उसे अब तक तो लौट आना चाहिए था. हे लक्ष्मण ! गो एंड सी न कहीं कुछ गड़बड़ ज़रूर है.
लक्ष्मण: पर भाभी बिग बी ने कहा है कि आपका साथ किसी कीमत पर न छोडूं.
सीता: उफ़ लक्ष्मण तुम भी न! बिग ब्रदर के चमचे हो. थोड़ा देख आओ न. भगवान् न करे राम पर कोई संकट आये. यू आल्सो लव हिम सो मच न.

(इतने में मंच के पीछे से मोटरबाइक से एक्सीडेंट की आवाज़ आती है और राम की आवाज़ में “हाय सीता” कोई ज़ोर से कराहता है.)

सीता: लक्ष्मण यह तो राम की ही आवाज़ है. हाय राम क्या हुआ राम के साथ. ज़ल्दी जाओ.
लक्ष्मण: जाता हूँ पर तुम इस लाइन के बाहर नहीं निकलना.
 (लक्ष्मण एक लाइन खींच कर मंच के बाहर निकल जाता है. मंच के दूसरे कोने पर बर्गर किंग रावण लक्ष्मण को जाते हुए देख रहा है. अब वह सीता को देखता है.)

रावण (स्वगत): मैं बर्गर किंग रावण आज इस सीता का अपहरण करूंगा. इसके दोनों रिलेटिव्स राम और लक्ष्मण ने मेरी बहन और इस ज़ोन की मार्केटिंग हेड सूर्पनखा का अपमान किया था. मैं बर्गर किंग का रूप त्याग कर डिलीवरी बॉय बन जाता हूँ.
(रावण डिलीवरी बॉय के रूप में बाईक से मंच का एक चक्कर लगा कर सीता से थोड़ी दूर अपनी बाइक खड़ी कर देता है.)
रावण: मैडम डोमिनोस से आपका आर्डर है. एक डबल चीज़ मार्गरीटा विथ स्पेशल चोकलेट पेस्ट्री. राम सर ने आर्डर दिया था.
सीता (ख़ुशी से झूमती हुई) : ओह रियली. राम कितना प्यारा है. लाओ दे दो आर्डर.
रावण: मैडम कम्पनी पालिसी के हिसाब से मैं अकेली लड़की के घर में जाकर डिलीवरी नहीं कर सकता. राम सर होते तो दूसरी बात थी. आपको आकर मुझसे आर्डर रिसीव करना होगा. (दर्शकों की तरफ मुड़ कर रावण कुटिल मुस्कान देता है)
सीता (उत्साह में लक्ष्मण लाइन लांघ कर): अच्छा ऐसा है तो लो मैं आ गई. ऑर्डर दे दो.
मंच के पीछे से ड्रम की आवाज़. सीता को जबरन रावण अपनी बाइक पर बिठा लेता है.

रावण: आज मैं तुम्हें अपनी करिज़्मा पर हवा की सैर कराता हूँ. (इतना कहते हुए बाईक की आवाज़ के साथ दोनों मंच से बाहर निकल जाते हैं. मंच के दूसरे किनारे से हताश राम और लक्ष्मण का प्रवेश. दोनों चारों ओर देखते, खोजते, ढूंढते हुए सीता को आवाज़ लगा रहे हैं.)

राम: सीता! सीता! कहाँ हो.
लक्ष्मण: भाभी भाभी! आप कहाँ हो! ( दौड़ कर सीता का मोबाइल उठा लेता है)
लक्ष्मण: ब्रो देखो भाभी का मोबाइल यहीं पड़ा है.
(राम दौड़कर पास आता है. मोबाइल हाथ में लेकर रोते हुए)
राम: हाई रे सीता का नया एन्रोआइड फ़ोन! बताओ न सीता कहाँ गयी. थोड़ी दूर पर सीता के ईयररिंग्स पड़े मिले. उसे उठाते हुए राम)
राम: हाय अभी उसी दिन तो तनिष्क से ये वाले क्यूट रिंग्स मैंने अपनी सीते को दिया था..

(दोनों हाय सीता, हाय भाभी कहते हुए मंच से निकल जाते हैं)

(मंच पे सबलोग इकट्ठे हैं. बीच में राम, लक्ष्मण और सुग्रीव बैठे हैं. पास में सर झुकाए और हाथ जोड़े हनुमान खड़ा है. चारों ओर बाकी लोग गंभीर मुद्रा में, थोड़े निराश सर झुकाए इनकी बात चीत सुनने का अभिनय कर रहे हैं.)
मंच के पीछे से: राम और लक्ष्मण के साथ यह बीच में जो तीसरा है उसका नाम सुग्रीव है. सुग्रीव पहले बर्गर किंग रावण का पार्टनर था. बाद में दोनों में टंटा हो गया और अभी दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं. दुश्मन का दुश्मन दोस्त होने के नाते राम से उसकी मित्रता हो गयी है. सुग्रीव आसपास के लोकल डिलीवरी बॉय के रूम में काम करने वाले आदिवासियों का हेड था. इन डिलीवरी बॉय की सेना का सबसे तेज़ और बलवान मेंबर हनुमान है जो पास में हाथ जोड़े और सर झुकाए खड़ा है. प्यार से लोग इसे हनु कहते हैं. इन सबमें गंभीर मंत्रणा हो रही है. इन्हें पता चल चुका है कि रावण ने सीता का अपहरण किया है और अपनी आलीशान लंका हाईटेक सिटी में कहीं उसे रखा हुआ है. मंत्रणा से तय होता है कि हनुमान सात समन्दर पार उस लंका हाईटेक सिटी में जाएगा और सीता का पता लगाएगा.)

सुग्रीव उठते हुए हनुमान से कहता है
सुग्रीव: क्यूँ निराश हो हनु. आई ऍम वैरी मच सियोर दैट यू कैन डू इट.
हनुमान: पर ओनारेब्ल राम! अगर सीता मैडम मुझे मिल भी गयी तो उन्हें कैसे विश्वास होगा कि मैं आपका ही एजेंट हूँ?
राम ने झट से एक पिज़्ज़ा के पैकेट पर स्माइली बना कर हनुमान को दे दिया और कहा
राम: डीयर हनु! जब तुम्हें सीता मिले तो उसे ये गिफ्ट दिखाना. वह तुरंत समझ जायेगी कि तुम अवश्य ही राम के एजेंट हो.
हनुमान ने भक्तिभाव से वह गिफ्ट ले लिया और ज़ोर से बोला.
हनुमान: विक्ट्री विल बी आवर्स! सो चीयर्स. (साथ खड़े सारे डिलीवरी बॉय चीयर्स करते हुए एक साथ हाथ उठाते हैं. धीरे धीरे वो लोग एक लाइन में मंच से विदा होते हैं. आगे आगे राम, लक्ष्मण और सुग्रीव पीछे पीछे बाकी लोग. मंच के एक कोने पर कुर्सी है जिस पर खड़े होकर हनुमान टेक ऑफ करने का अभिनय करता है. जब बाकी लोग मंच से निकल जाते हैं तो हनुमान मंच पर कूद कर आता है और इधर उधर सीता को ढूँढने लगता है. हाथ में राम का गिफ्ट है. मंच के दूसरी ओर सीता उदास बैठी है.
हनुमान: लगता है सीता मैडम इस अशोक वाटिका नामक रिसोर्ट में ही है. ओह्ह दूर वह उदास महिला राम राम कर रही है. हो न हो वही सीता है. उसके आस पास तो वीमेन गार्ड्स का पहरा है.

(सीता उदास ज़मीन पर बैठी राम राम कर रही है और वीमेन गार्डस आपस में हँसी मज़ाक कर रहे हैं. धीरे धीरे विमेन गार्ड्स मंच से हँसते हुए निकल जाते हैं. हनुमान सीता के पास पहुँचता है. सीता को गिफ्ट चुपके से निकाल कर दिखाता है. सीता का चेहरा खिल उठता है. वह उसे सीने से लगाते हुए धीमे से हनुमान को कहती है)

सीता: ओह हनु तुम नहीं जानते आज मैं कितनी खुश हूँ. अब मैं ज़रूर यहाँ से निकल कर वापस अपने राम से मिल सकुंगी. थैंक्स, थैंक्स अ लॉट हनु!

मंच के पीछे से: वह तेज तर्रार और बलशाली डिलीवरी बॉय हनुमान इतना प्रसन्न हो जाता है कि लंका सिटी में जगह जगह बर्गर किंग एंड कंपनी के आउटलेट्स में उपद्रव मचाता हुआ उसमें आगजनी करता हुआ वापस राम लक्ष्मण और सुग्रीव के पास अशोक वाटिका रिसोर्ट में सीता के होने की ख़बर लेकर लौट आता है.

(मंच के पीछे से होने वाले नैरेशन के दौरान हनुमान उछल कूद कर कुर्सी पर चढ़ता है. मंच के दुसरे कोने पर फिर से राम, लक्ष्मण और सुग्रीव के साथ बाकी लोग खड़े है. हनुमान कूद कर उनके पास पहुँचता है. सीता ने संदेश के रूप में अपनी दूसरी ईयर रिंग हनुमान को दी थी. वह उसे दिखाते हुए राम से कहता है)

हनुमान: नोबेल राम! यह कान की रिंग सीता मैडम ने आपको देने के लिए कहा है.
राम (जेब से दूसरे कान की रिंग निकालते हुए): हाँ यह तो. एक जोड़ी सोने की रिंग्स. अब सीता को मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़नी होगी.
सबलोग: हाँ हाँ उस बर्गर किंग का अंत ज़रूरी है. उसका अंत होकर रहेगा.

(सबलोग उत्साह से हवा में मुट्ठियाँ भांजते हए मंच से निकलने लगते हैं. मंच के पीछे से नैरेशन शुरू होता है.
मंच के पीछे से: बर्गर किंग से इन सब की लडाई छिड़ गयी. भयानक युद्ध शुरू हो गया. बर्गर किंग रावण की तरफ से दुनिया की बाकी बहुत सारी कंपनियों के एजेंट जुड़ गए. तरह तरह के डिस्काउंट और ऐड के साथ जंक फूड लोगों को लुभा लुभा कर अपने पक्ष में करने लगा. रावण का बड़े बेटे मेघनाद ने छल से लक्ष्मण को ऐसा पिज़्ज़ा खिलाया कि उसको फूड एलर्जी हो गया और अब वह बेहोश लड़ाई के मैदान में पड़ा है. राम उसे गोद में लेकर विलाप कर रहा है.
नैरेशन के दौरान मंच पर बीच में राम लक्ष्मण को गोद में लिए विलाप कर रहा है. पीछे से बाकी लोग भी घेर कर खड़े हैं. हनुमान बेचैन मंच के इधर उधर घूम रहा है.)

राम: हाय लक्ष्मण! माई डियर ब्रदर! इस पिज़्ज़ा बर्गर के मोह ने ही आज तुम्हारी जान ले ली. इसी लोभ ने सीता को हमसे छीना. अब मेरा कोई मेरे पास नहीं बचा. हाय रे मैं क्या करूं.

(हनुमान एक डॉक्टर कविराज को पकड़ कर लाता है. कविराज लक्ष्मण की जांच करता है और राम की तरफ मुड़ कर कहता है.)

डॉक्टर कविराज: ज़ल्दी से लक्ष्मण को पुदीन हरा का इंजेक्शन देना होगा. उसी से इसके प्राण की रक्षा होगी.
राम और सुग्रीव (एक साथ): हनु! जाओ और ज़ल्दी से शहर जाकर किसी मेडिकल शॉप से दवा ले आओ.
हनुमान कूदता फांदता मंच से निकल जाता है और कुछ देर में वापस लौट आता है. हाथ पर कोई भारी सामान उठाने का अनुभव कर रहा है.
हनुमान( आते ही): डॉक्टर शहर में आज सारे मेडिकल शॉप वाले हड़ताल पर हैं. मैंने एक दूकान का दरवाज़ा तोड़ कर दवा लाने की कोशिश की लेकिन मुझे उसका कम्बीनेशन पता नहीं चला. इसलिए अब मैं पूरी दूकान ही उठा लाया हूँ. इसमें से दवा खोज कर मिस्टर लक्ष्मण को ठीक करो.
(कविराज खोज कर एक दवा निकालता है और लक्ष्मण को देता है. लक्ष्मण तत्काल उठ कर बैठ जाता है. दोनों भाई गले लग कर रोते हैं.)
दोनों एक साथ: हमें इन जंकफूड वाले साम्राज्य को हराना ही होगा.

(राम अचानक से उठता है और गंभीर आवाज़ में कहता है)

राम: हराना बहुत मुश्किल हो रहा है लक्ष्मण. देखता हूँ कि रावण और उसकी सेना के साथ लोकतंत्र भी खड़ा है. यह सब एक लोकतांत्रिक सरकार के रहते हुए ही हो रहा है.
सुग्रीव: निराश न हों मिस्टर राम. आपको भी लोकतांत्रिक तरीके से ही उसे मात देना होगा. आप अभी युद्ध छोड़ कर लोकतंत्र की साधना कीजिये. कोई न कोई उपाय ज़रूर निकलेगा.
राम: तुम सही कह रहो हो माई डियर फ्रेंड सुग्रीव. मैं अभी लड़ाई छोड़ कर शक्ति-पूजा करूँगा.
(राम मंच पर एक जगह साधना की मुद्रा में बैठ गया. बाकी लोग राम के लिए तरह तरह से प्रार्थना करने लगे. कुछ समय बाद मंच पर एक मिस्टर देव आता है)
देव: आँखें खोलो राम. मेरा नाम देव है. बर्गर किंग और उसकी सेना को हारने के लिए तुम्हें व्यापक स्तर पर ओरगेनिक फार्मिंग करनी होगी. जंक फूड के बड़े गिरोह ने बीमारियों से हमारे लड़ने की क्षमता को इतना कम कर दिया है कि हम अब कुछ कर नहीं पा रहे (इतना कह कर वह मंच से लौट जाता है)

मंच के पीछे से: लोकतंत्र की साधना से राम को ओरगेनिक फार्मिंग की युक्ति मिलती है. इस युक्ति से वह रावण की सेना को पराजित करता है और चौदह बरस के बाद अयोध्या नगरी लौट कर आदेश देता है कि जंगल में हर जगह ‘रामदेव’ नाम से ओरगेनिक फूड का चेन खोला जाए. हनुमान आदि को उस चेन से होम डिलीवरी करने वाला बॉय बना दिया जाता है. अब हनुमान और उसके साथी फिर से डिलीवरी बॉय हो गए हैं. पर हनुमान के मन में शंका घर कर गयी है.

(मंच पे हनुमान और साथी बड़ी गहरी सोच में डूबे हैं. हनुमान कहता है)

हनुमान: यारों पहले भी हम डिलीवरी बॉय थे आज भी वही हैं. और यह ‘रामदेव’ चेन देशी आयुर्वेद के नाम पर नए लेबल में रामदेव आटा और दिव्य मंजन बेच रहा है. इसमें भी सौ फीसदी मिलावट है. अब आप सब बताओ हम क्या करें?
(इस प्रश्न के साथ नाटक का अंत. सबलोग एक साथ खड़े होकर मंच से दर्शकों का अभिवादन करते हैं.)
   



    

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